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बहुमत के नशे में जकड़ता गणतंत्र

 ☐  गणतंत्र दिवस, यानि कि आजाद भारत के स्वप्न का कानूनी जामा पहनाने का दिन। स्वर्णिम भविष्य की ओर अग्रसर भारत की यात्रा का रूट मैप यानि कि भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को पूर्ण होकर अपना स्वरूप ले चुका था । जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था । संविधान सभा के कुल 299 सदस्य एवम 15 समितियां थी, जिन्होंने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन तक लगातार चर्चा कर सर्व सम्मति से भारत का संविधान तैयार किया । किंतु आज जब हर स्थान पर संविधान के नाम पर एक विशेष को महत्व देकर, उन्ही को माल्यार्पण किया जाता है तो ये इन 298 महानुभावों का अपमान है । खैर ये तो छोड़ो क्योंकि ट्रेंड के नाम के साथ चलने की आदत जो है । भारतीय संविधान की नीव हर भूखे को खाना, हर तन को कपड़ा एवम हर व्यक्ति को उसकी क्षमता के अनुसार विकास करने का अधिकार प्रदान करने के पावन उद्देश्य से रखी गई थी । आपको जानकर आश्चर्य होगा की प्रत्येक विषय पर बड़ी गंभीर चर्चा कर हमारे सभी संविधान सभा के सदस्यों ने दूरदर्शी निर्णय लिए । साथ ही सभी निर्णय बहुमत नहीं आम सहमति के आधार पर लिए गए थे जो की आज के समय तो कल्पना से भी परे है ।  ☐  हमारे संविधान निर्माता